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Tribal Cooperative Marketing Development Federation Ltd (TRIFED), Ministry of Tribal Affairs, Government of India has launched two interesting competitions, Be the Brand Ambassador of Tribes India and Be a ‘Friend’ of TRIBES INDIA Contest in association with MyGov.in, the citizen-government engagement platform.
These competitions have been launched with the sole objective of promoting tribal craft, culture and lifestyle. Through these innovative contests, awareness about tribal heritage, arts, crafts can be enhanced among the general public. With more knowledge and awareness about tribal heritage, it is hoped that citizens will also contribute to overall tribal empowerment by purchasing more tribal products.
“Be the Brand Ambassador of Tribes India” is inviting stories featuring any tribal product (s) from customers across the country. The stories should highlight his/ her experience in using the product and provide details of the product and the place/ shop from where it was purchased. The requirement is that the stories are in the form of short videos ranging from 30 seconds to 5 minutes. The tribal products may include gents or ladies' apparel, jewellery, accessories, paintings, metal crafts, terracotta & pottery, decorative items, food & organic items, cane & bamboo items, stationery, furniture, home furnishings, cuisine, etc. Participants will have to share their stories in the form of a link to the video uploaded on YouTube. The contest will be on till 14th May 2021. 50 entries will be selected and awarded a Gift Voucher which will be valid at all Tribes India Showrooms and Tribesindia.com. More details are found at https://www.mygov.in/task/be-brand-ambassador-tribes-india/
Following the success of its first Quiz contest on Indian culture which was organised in association with MyGov in February, TRIFED has launched the second edition of the Quiz. Called “Be A Friend of Tribes India”, the quiz went live on MyGov on April 2, 2021 and will be on till May 14, 2021. 50 winners of this quiz will be awarded a Tribes India Gift Voucher, valid on Tribesindia.com and all Tribes India outlets. The quiz can be taken at: https://quiz.mygov.in/quiz/be-a-friend-of-tribes-india-2021/
Tribes constitute over 8% of our population however, they are among the disadvantaged sections of the society. An attitude that pervades among the mainstream is the erroneous belief that they have to be taught and helped. However the truth is otherwise – the tribals have a lot of teach urban India. Characterised by natural simplicity, their creations have a timeless appeal. The wide range of handicrafts which include hand-woven cotton, silk fabrics, wool, metal craft, terracotta, bead-work, all need to be preserved and promoted.
TRIFED, as the nodal agency under Ministry of Tribal Affairs, has been working to improve the income and livelihoods of the tribal people, while preserving their way of life and traditions. It has also put in place several initiatives to familiarise the people with the rich and diverse craft, culture of the tribal communities across the country and to help the tribal population in the area of marketing development of their rich products. These initiatives, launched in association with MyGov fall in line with the Atmanirbhar Abhiyan, the PM’s vision of emphasising local products and promoting local entrepreneurship.
ट्राइफेड ने माई जीओवी डॉट इन के सहयोग से "ट्राइब्स इंडिया का ब्रांड एंबेसडर बनें" और “ट्राइब्स इंडिया का दोस्त बनें”के नाम से दो प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं की शुरुआत की
जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण वालीनोडल विपणन एजेंसी “भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ” (ट्राइफेड) ने “ट्राइब्स इंडिया का एंबेसेडर बनें” और “ट्राइब्स इंडिया का दोस्त बनें” के नाम से दो दिलचस्प प्रतियोगिताओं की शुरुआत की है। सरकार और आम लोगों की सहभागिता को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत मंत्रालय की ओर से माईजीओवीडॉटइन के सहयोग से इसका आयोजन किया जा रहा है।
ये प्रतियोगिताएं जनजातीय पारंपरिक शिल्प, संस्कृति और जीवन शैली को बढ़ावा देने के एकमात्र उद्देश्य के साथ शुरु की गई हैं। इन नवीन प्रतियोगिताओं के माध्यम से जनजातीय विरासत, कला, शिल्प के बारे में आम लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा। उम्मीद की जाती है कि जनजातीय विरासत के बारे में अधिक जागरुक होने और ज्यादा जानकारी प्राप्त होने पर आम लोग अधिक से अधिक मात्रा में जनजातीय उत्पादों को खरीदेंगे और इसके माध्यम से समस्त जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण में योगदान दे सकेंगे।
“ट्राइब्स इंडिया का ब्रांड एंबेसडर बनें” प्रतियोगिता के तहत जनजातीय समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए किसी भी तरह के उत्पाद से संबधित लेखन सामग्री देशभर से आमंत्रित की गई है। ऐसे लेख प्रेषित करने वालों को इसमें जनजातीय उत्पादों के इस्तेमाल के बारे में अपने निजी अनुभवों के साथ ही ऐसे उत्पादों का समूचा विवरण भी देना होगा। उन्हें ऐसे उत्पाद किस दुकान और किस स्थान से खरीदे गए इसकी जानकारी भी देनी होगी। ये लेख 30 सेंकेंड से पांच मिनट तक की अवधि के लघु वीडियो फिल्म के रूप में होने चाहिएं।
प्रतियोगिता में प्रविष्टि के तौर पर भेजी जाने वाली लेखन सामग्री में जनजातीय उत्पादों जैसे पुरुषों या महिलाओं के परिधान, आभूषण, ऐसी ही अन्य छोटी सामग्रियां, पेंटिंग, धातु शिल्प, टेराकोटा और मिट्टी के बर्तन, सजावटी सामान, खाद्य और जैविक उत्पाद, बेंत और बांस की वस्तुएं, स्टेशनरी, फर्नीचर, घर का सामान और व्यंजनों को शामिल किया जा सकता है। ऐसी लेखन सामग्री को यू-ट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो लिंक के रूप में साझा करना होगा। यह प्रतियोगिता 14 मई,2021 तक चलेगी। प्रतियोगिता के लिए 50 प्रविष्टियों का चयन किया जाएगा और उन्हें पुरस्कार के तौर पर एक उपहार वाउचर दिया जाएगा जो सभी ट्राइब्स इंडिया शोरूम और ट्राइब्सइंडिया डॉट कॉम पर मान्य होगा। अधिक विवरण के लिए https://www.mygov.in/task/be-brand-ambassador-tribes-india/ पर संपर्क किया जा सकता है।
फरवरी में माई जीओवी के सहयोग से भारतीय संस्कृति पर आयोजित अपनी पहली प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की सफलता से उत्साहित होकर ट्राइफेड ने “ट्राइब्स इंडिया को दोस्त बनें” के नाम से प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का दूसरा संस्करण 2 अप्रैल को जारी किया। यह 14 मई,2021 तक चलेगा। इसे माईजीओवी पोर्टल पर लाइव देखा जा सकता है। प्रतियोगिता में से 50 विजेताओं का चयन किया जाएगा। इन सभी को पुरस्कार स्वरूप उपहार वाउचर दिए जाएंगे जो ट्राइब्स इंडिया के सभी आउटलेट और ट्राइब्स इंडिया डॉट कॉम पर मान्य होंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए https://quiz.mygov.in/quiz/be-a-friend-of-tribes-india-2021/पर संपर्क किया जा सकता है।
जनजातीय समुदाय के लोगों की संख्या देश की आबादी में आठ प्रतिशत से अधिक है लेकिन इसके बावजूद वह समाज के वंचित वर्गों में से हैं। आम लोगों में यह एक गलत धारणा बनी हुई है कि जनजातीय लोग पिछड़े हुए हैं और उन्हें बहुत कुछ सिखाए जाने और उनकी मदद करने की जरुरत है। जबकि सच्चाई यह है कि जनजातीय लोग शहरों में बसने वालों को बहुत कुछ सिखाते हैं। उनकी नैसर्गिग सादगी और उनकी रचनाएं बेहद प्रभावित करने वाली हैं। उनके द्वारा बनाए जाने वाले नाना प्रकार के हस्तशिल्प और हथकरघा की वस्तुओं में हाथ से बुने हुए सूती, रेशमी कपड़े, ऊन, धातु शिल्प, टेराकोटा और मोतियों का काम शामिल हैं। इन पांरपरिक कलाओं को संरक्षित रखने और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत नोडल एजेंसी के रूप में ट्राइफेड जनजातीय समुदाय के लोगों की जीवन शैली और परंपराओं के तौर तरीकों को संरक्षित करने के साथ ही उनकी आय और आजीविका में सुधार करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। ट्राइफेड ने देश भर में जनजातीय समुदाय की समृद्ध और विविध शिल्प, संस्कृति के साथ लोगों को परिचित कराने और उनके बेहतरीन उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की पहल भी की है। माई जीओवी के सहयोग से शुरू की गई ये पहल, स्थानीय उत्पादों पर जोर देने और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अभिनव सोच पर आधारित आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है।