Minister of Chemicals & Fertilizers DV Sadananda Gowda informed the Members of Consultative Committee of his ministry that Central Institute of Plastics Engineering and Technology CIPET has made an ambitious plan of skilling of five lakh persons as well as five Lakh Technology Support Service to the polymer industry during the period of 2019-24.
During the period of 2014-19 skilling of 3.13 Lakh person and 3.26 Lakh Technology Support Service Was provided.
He was speaking at the Parliamentary Consultative Committee meeting of the Department of Chemicals and Petrochemicals, Ministry of Chemicals and Fertilizers held in New Delhi yesterday.
Gowda stated that CIPET’s performance in the Technology Support Services is in increasing trend and it continues to excel in all the spheres of its activities viz. Designing, tooling, plastic processing and testing, inspection and quality control, etc.Over 84000 Technology Support Service assignments were rendered to the plastics and allied industries during 2018-19.
In a presentation by Director General CIPET, members were informed that the outcome based vision plan of CIPET in the core domain of skill development has been formulated to meet the needs of the projected exponential growth of polymer industries in India. The vision plan includes Impact Skill Training (long Term-Short Term) to 500000 (Five Lakh) students during (2019-24), introduction of M.S/M.Tech programmes in the areas of Polymer/Plastics,introduction of new Skill Training in new subjects in the other areas of Petrochemical sector (rubber,Technical Textiles & Specially Chemicals) and certification for all CIPET Centres through Bureau of Indian Standards. Apart from this CIEPT has planned to give Five Lakhs Technical support services to the Industries in the next five years.Setting up of 3 Innovex Labs at CIEPT SARP in the emerging areas of Polymer Science &Technology is also included in the future plan.
Director, IPFT in his presentation informed the members about the proposed five year Action plan of IPFT. He said that main objectives of this plan includes Development and production of the state-of-art user environment friendly pesticides formulations, promotion of efficient application technologies as per emerging demands,information dissemination of safe manufacturing practices,quality assurances and judicious use of pesticides,human resource development through specialized training in the field of pesticide science&technology.
सीआईपीईटी 2019-2024 की अवधि में पांच लाख व्यक्तियों और पांच लाख उद्योगों का कौशल निर्माण करेगा
रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानन्द गौड़ा ने अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्यों को सूचित किया कि केन्द्रीय प्लास्टिक इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईपीईटी) ने 2019-2024 की अवधि के दौरान 5 लाख व्यक्तियों एवं पॉलीमर उद्योग के लिए 5 लाख प्रौद्योगिकी सहायता सेवा के कौशल निर्माण की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।
2014-2019 की अवधि के दौरान 3.13 लाख व्यक्तियों और 3.26 लाख प्रौद्योगिकी सहायता सेवा का कौशल निर्माण किया गया।
वह कल नई दिल्ली में आयोजित रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग की संसदीय परामर्शदात्री समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
सीआईपीईटी एवं इंस्टीट्यूट ऑफ पेस्टीसाइड्स फॉर्मूलेशन टेक्नोलॉजी (आईपीएफटी) के प्रदर्शन पर बैठक में विचार किया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानन्द गौड़ा ने की। रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया भी बैठक में उपस्थित थे।
गौड़ा ने कहा कि प्रौद्योगिकी सहायता सेवाओं में सीआईपीईटी के प्रदर्शन का बढ़ने वाला रुझान है और यह इसकी गतिविधियों अर्थात डिजाइनिंग, टूलिंग, प्लास्टिक प्रोसेसिंग एवं टेस्टिंग, निरीक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण आदि के सभी क्षेत्रों में लगातार शानदार बना हुआ है। 2018-19 के दौरान प्लास्टिक एवं सहायक उद्योगों को 84000 से अधिक प्रौद्योगिकी सहायता सेवा समनुदेशन प्रस्तुत किए गए।
सीआईपीईटी के महानिदेशक द्वारा एक प्रस्तुति में, सदस्यों को सूचित किया गया कि कौशल विकास के प्रमुख क्षेत्र में सीआईपीईटी की परिणाम आधारित विजन योजना बनाई गई है, जिससे कि भारत में पॉलीमर उद्योगों के अनुमानित असीम विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके। विजन योजना में 2019-24 के दौरान 5 लाख छात्रों की दीर्घकालिक-अल्पकालिक इम्पेक्ट स्किल ट्रेनिंग, पेट्रो रसायन क्षेत्र (रबर, टेक्निकल टैक्सटाइल एवं स्पेशिएली कैमिकल्स) के अन्य क्षेत्रों में नए विषयों में नवीन कौशल प्रशिक्षण लागू करना एवं भारतीय मानक ब्यूरो के माध्यम से सभी सीआईपीईटी केंद्रों के लिए प्रमाणन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इस सीआईपीईटी ने अगले पांच वर्षों में उद्योगों को 5 लाख तकनीकी सहायता सेवाएं देने की योजना बनाई है। पॉलीमर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बढ़ते क्षेत्रों में सीआईपीईटी, एसएआरपी में तीन इनोवेक्स लैब्स की स्थापना भी भविष्य की योजना में शामिल है।
आईपीएफटी के निदेशक ने अपनी प्रस्तुति में सदस्यों को सीआईपीईटी की प्रस्ताविक पंचवर्षीय योजना के बारे में जानकरी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के मुख्य उद्देश्यों में अत्याधुनिक यूजर पर्यावरण हितैषी पेस्टीसाइड फॉर्मूलेशन का विकास एवं उत्पादन, उभरती मांगों के अनुरूप कारगर अनुप्रयोग प्रौद्योगिकियों का संवर्द्धन, सुरक्षित विनिर्माण प्रचलनों का सूचना प्रसार, गुणवत्ता शासन एवं कीटनाशकों का न्यायोचित उपयोग, कीटनाशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विशिष्ट प्रशिक्षण के माध्यम से मानव संसाधन विकास शामिल है।