This is the story of one Ramji Yadav, who was an Ekal school teacher in village Gaipura Kalna in the Mirzapur district of Uttar Pradesh. Ramji talks of the economic conditions of his family and how his father was addicted to liquor. It was in such conditions that he came in contact with Ekal and got the opportunity of becoming a teacher in its school. This was in 2009. He says that as soon as he joined Ekal he took the pledge of getting his father get rid of the bad habit of taking liquor daily. Slowly, his father joined in the 'satsangs' organised by Ekal and after a year left liquor completely and further promising to help others also get rid of this habit. Meanwhile, Ramji and his brother, decided to join the police force. In 2009, his younger brother joined the Railway Police Force (RPF) and in 2011 Ramji also got the opportunity and is now posted at the Gazipur Civil Lines. Ramji accepts that it was Ekal that has changed his, and the family's fortune.
एकल विद्यालय के माध्यम से बदला जीवन में परिवर्तन -
एकल के पूर्व आचार्य की कहानी स्वयं की जबानी
"मैं रामजी यादव यूपी पुलिस जिला मिर्जापुर के गांव गैपुरा कलना का मूल निवासी हूं. एकल विद्यालय में 2009 में मैं विद्यालय ग्राम कलना का आचार्य था, एकल विद्यालय के माध्यम से अपने परिवार एवं स्वयं का बदलाव किया. जब मैं आचार्य था तो हमारे पिता श्री, व घर कीी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. इसका कारण आज के समाज में नव युवकों का दुश्मन शराब था. हमारे पिताजी भी इसके शिकार हुए थे हम अपने घर की स्थिति को देख कर अत्यंत दुखी रहता था लेकिन हमारा संपर्क एकल परिवार से हुआ और मैं एकल परिवार से सन 2009 में आचार्य के रूप में जुड़ा. इस संपर्क में आते ही मैंने यह संकल्प लिया कि अपने पिताजी के जीवन नाशक दुश्मन शराब को छुड़ा कर ही दम लूंगा और सत्संग समिति के बैठक में अपने पिताजी को साथ में लेकर बैठक करता था. धीरे-धीरे इसका अच्छा परिणाम सामने आने लगा 2010 में एक दिन ऐसा आया कि हमारे पिताजी शराब को त्याग दिए और उन्होंने भी यह निश्चय किया कि अपने सहपाठी लोगों शराब को छोड़ आएंगे. हमारे पिताजी के शराब छोड़ने के बाद मैं भी राहत की सांस ली अभियान प्रमुख की प्रेरणा से पिताजी के मन में एक जिज्ञासा उत्पन्न हुआ की अपने समाज की अनेक प्रकार की कुर्तियों को समाप्त करने के लिए हमें और हमारे छोटे भाई एवं हमको पुलिस विभाग की नौकरी करने के लिए प्रेरित किए और मैं उनका आशीर्वाद समझ कर के हम दोनों भाई पुलिस की तैयारी करने लगे मैं छोटा भाई 2009 में RPF पुलिस जॉइनिंग किया इसके बाद मैं सन 2011 में UPP पुलिस की वैकेंसी देखा पहले ही वैकेंसी में ही मेरा सिलेक्शन हो गया इसका सारा श्रेय एकल अभियान को देता हूं और इस समय में गाजीपुर सिविल लाइन में कार्यरत हूंं.