The first ever Industry-Academia mission to accelerate biopharmaceutical development in India will be formally launched by the Cabinet Minister Dr. Harsh Vardhan in New Delhi on 30th June 2017. The program named Innovate in India (i3) will witness an investment of USD 250 million with USD 125 million as a loan from world Bank and is anticipated to be a game changer for the Indian biopharmaceutical industry. It aspires to create an enabling ecosystem to promote entrepreneurship and indigenous manufacturing in the sector.
India has been an active player in the pharmaceutical industry and has contributed globally towards making life saving drugs and low cost pharmaceutical products accessible and affordable for those in need. Be it the Rotavirus vaccine, heart valve prosthesis or affordable insulin, India has been a forerunner in these and many more. Despite, these advances Indian biopharmaceutical industry is still 10-15 years behind their counterparts in the developed countries and faces stiff competition from China, Korea and others.
i3 is committed with a mission to make India a hub for design and development of novel, affordable and effective biopharmaceutical products and solutions. The aim of the mission is to “Enable and nurture an ecosystem for preparing India’s technological and product development capabilities in biopharmaceuticals to a level that will be globally competitive over the next decade, and transform the health standards of India’s population through affordable product development”
As a flagship program of the Government of India in collaboration with World Bank, it promises to boost the growth curve for domestic biopharma by accelerating the translation of research concepts into viable products, supporting clinical validation, enabling sustainable networks for collaboration between industry and academia, and supporting entrepreneurial ecosystem amongst many others. Currently India has only 2.8% share in the global biopharmaceutical market, the program would elevate this to 5% resulting in an additional business opportunity of 16 Billion USD.
The Mission to be implemented by Biotechnology Industry Research Assistance Council (BIRAC), a PSU of Department of Biotechnology will bring together expertise from national and international corridors to provide strategic guidance and direction to move promising solutions through the product development value chain.
भारत में नवाचार(आई-3)
भारत में बायोफार्मास्यूटिकल्स के विकास को गति देने के लिए अब तक के पहले औद्योगिकी-शैक्षणिक मिशन की औपचारिक रूप से नई दिल्ली में 30 जून 2017 को केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भू-विज्ञान, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन शुरूआत करेंगे। भारत में नवाचार (आई-3) नाम से शुरू हो रहे इस कार्यक्रम में 25 करोड़ अमेरीकी डॉलर का निवेश होगा, जिसमें 12.5 करोड़ डॉलर का विश्व बैंक कर्ज देगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय बायोफार्मास्यूटिकल्स उद्योग में इससे बड़ा बदलाव आएगा। इससे उद्यमिता और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक परितंत्र का भी निर्माण होगा।
भारत फार्मास्यूटिकल उद्योग में काफी सक्रिय रहा है और जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण और जरूरतमंदों के लिए कम कीमत वाले फार्मास्यूटिकल उत्पादों में भारत का वैश्विक स्तर पर अहम योगदान रहा है। चाहे वह रोटा वायरस के टीके हों या हार्ट वाल्व प्रोस्थेसिस या फिर सस्ते इंसुलिन, भारत इनमें और कई दूसरी दवाओं के निर्माण में अग्रणी रहा है। इसके बावजूद भारत विकसित देशों की तुलना में फार्मास्यूटिकल उद्योग में 10-15 साल पीछे है और इसे चीन, कोरिया और अन्य देशों से चुनौती मिल रही है। इसकी वजह उत्कृष्टता केन्द्रों में जुड़ाव, खोजपरक अनुसंधान और उचित कोष की कमी है। इस क्षेत्र में समेकित नवाचार सुनिश्चित करने के लिए उत्पाद खोज, अनुसंधान और शुरूआती विनिर्माण को बढ़ावा देने की जरूरत है।
भारत में नवाचार आई-3 इन कमियों को दूर करेगी और भारत को प्रभावी बायोफार्मास्यूटिकल उत्पादों के क्षेत्र में डिजाइन और विकास का केन्द्र बनायेगा। इस मिशन को जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायक परिषद (बीआईआरएसी) लागू करेगी