Mobile Khadi Selling Units Distributed To Divyang People

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Foundation also laid of Silk Production cum Training Center at Choudwar in Odisha

A noble initiative of associating Divyang people with Aatmanirbhar Bharat Abhiyan was launched by Minister of MSME Nitin Gadkari with distribution of mobile Khadi selling units in his Parliamentary Constituency of Nagpur on Gandhi Jayanti today. Gadkari distributed E-rickshaws to 5 divyang people through video-conference. These beneficiaries will be able to sell various Khadi products like Khadi fabric, readymade clothes, food items, food spices and other locally made products in nearby villages. Another 5 mobile Khadi selling units will be distributed in the next few days.

The Minister lauded the initiative of KVIC saying this would empower the Divyang people by creating sustainable livelihood opportunities. At the same time, he said, this will increase the sale of Khadi and thus prompt higher production by Khaid artisans. He said efforts will be made to distribute at least 500 such mobile selling units to divyang people in every district of India.

“This is the first-of-its-kind initiative in the country by KVIC. With these mobile selling units, our Divyang brothers will be able to earn a respectable and sustainable livelihood. As they go to different villages selling Khadi products, it will also increase the reach of Khadi to a larger population,” Gadkari said.

In another initiative that will create local employment to Khadi Silk artisans, Minister of State for MSME, Pratap Chandra Sarangi laid the foundation of a Silk Production cum Training Center at Choudwar in Odisha. This is the first such unit in the Sate that will produce high quality Tussar Silk yarn.

On this occasion, Sarangi said this is a major step towards empowering the local artisans and increasing the silk production in Odisha. He said Odisha is known for producing high quality Silk; however, for want of a local Silk production and training center, the raw material had to be procured from outside. “This will not only be helpful in training our artisans but create sustainable employment too,” Shri Sarangi said.

KVIC Chairman Vinai Kumar Saxena, who also joined the event through video-conference, said the Silk production cum training unit will give a big boost to the Silk activities in the State and assured that the unit will start functioning in the next two to three months.

दिव्यांगजनों को खादी उत्पादों की मोबाइल बिक्री इकाइयों का वितरण

ओडिशा के चौद्वार में रेशम उत्पादन सह प्रशिक्षण केंद्र की आधारशिला भी रखी गयी

सूक्ष्म, लघु और मध्‍यम उद्यम-एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज गांधी जयंती पर अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर में दिव्यांग लोगों को आत्मानिभर भारत अभियान के साथ जोड़ने की एक शानदार पहल खादी की मोबाइल बिक्री इकाइयों के वितरण अभियान की शुरुआत की। गडकरी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 5 दिव्यांग लोगों को ई-रिक्शा वितरित किए। ये लाभार्थी खादी के विभिन्न उत्पादों जैसे खादी के कपड़े, रेडीमेड कपड़े, खाद्य पदार्थ, खाद्य मसाले और अन्य स्थानीय स्तर पर बने उत्पादों को पास के गाँवों में बेच सकेंगे। अगले कुछ दिनों में 5 अन्य खादी बेचने वाली मोबाइल इकाइयों का वितरण किया जाएगा।

गडकरी ने खादी विकास ग्रामोद्योग आयोग-केवीआईसी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे दिव्यांग लोगों को आजीविका के स्थायी अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इससे खादी की बिक्री बढ़ेगी और इससे खादी कारीगरों को खादी उत्पादों का अधिक उत्पादन करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत के हर जिले में दिव्यांग लोगों को कम से कम 500 ऐसी मोबाइल बिक्री इकाइयों को वितरित करने का प्रयास किया जाएगा।

गडकरी ने कहा, “केवीआईसी की यह देश में अपनी तरह की पहली पहल है। इन मोबाइल बिक्री इकाइयों के साथ, हमारे दिव्यांग भाई एक सम्मानजनक और स्थायी आजीविका कमाने में सक्षम होंगे। जब ये लोग खादी उत्पादों को बेचने के लिये विभिन्न गांवों में जायेंगे तो, इससे खादी की पहुंच एक बड़ी आबादी तक भी बढ़ाएगा”

खादी रेशम के कारीगरों के लिये स्थानीय रोजगार पैदा करने की एक अन्य पहल की भी आज शुरुआत की गई। एमएसएमई राज्य मंत्री, प्रताप चंद्र षडंगी ने ओडिशा के चौद्वार में एक रेशम उत्पादन सह प्रशिक्षण केंद्र की नींव रखी। यह राज्य में पहली ऐसी इकाई है जो उच्च गुणवत्ता वाले टसर सिल्क धागे का उत्पादन करेगी।

इस अवसर पर, षडंगी ने कहा कि यह स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाने और ओडिशा में रेशम उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि ओडिशा उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के उत्पादन के लिए जाना जाता है; हालाँकि, स्थानीय रेशम उत्पादन और प्रशिक्षण केंद्र के लिए, कच्चे माल की आपूर्ति बाहर से की जाती थी। श्री षडंगी ने कहा, "यह न केवल हमारे कारीगरों को प्रशिक्षित करने में मददगार होगा, बल्कि टिकाऊ रोजगार भी पैदा करेगा।"

वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस आयोजन में शामिल हुए केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि रेशम उत्पादन सह प्रशिक्षण इकाई राज्य में रेशम गतिविधियों को अधिक बढ़ावा प्रदान करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इकाई अगले दो से तीन महीने में काम करना शुरू कर देगी।

News Source
PIB Release

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