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In its endeavor to provide world-class National Highways (NH) network, NHAI has approached all IITs, NITs and reputed Engineering Colleges to collaborate and adopt nearby stretches of NH, on voluntary basis, as part of Institutional Social Responsibility (ISR). The objective is to leverage the intellectual prudence of students and faculty towards improvement of road infrastructure ecosystem of the country. The Institutes along with its faculty and students have better appreciation of local requirement, topography, resource potential etc. and these vital inputs can be utilized by NHAI during different stages of pre-construction, construction and operation of NH stretches. This decentralized approach, besides building a sense of participation in decision making, also provides an opportunity to the students for hands-on-learning, option for internship and future areas of research. The adoption of stretch by the Institute opens avenue for access to important data, which can be used to improve the quality and safety aspects of NH and enhance local capacity of the Institute in terms of advanced Lab and Simulation systems.
Adoption of NH stretch by an Institute would facilitate stakeholder engagement and help to mitigate the routine local problems such as traffic movement, congestion and immediate identification of accident prone sites. The Highway users become more empowered in resolving local problems through the Institute and the Authority. Such instances would help NHAI in understanding the local needs both in present and future projects, improve the maintenance & riding comfort and develop wayside amenities for enhanced user experience. The overall outcome shall be commuter friendly and enjoyable ride on the NH stretch.
Large number of IITs, NITs and Engineering Colleges have opted to join the scheme and NHAI officers have started mutual consultation with Directors of the interested Institutes. Memorandum of Understanding (MOU) are being signed between the individual Institutes and NHAI for institutionalization of the scheme and bring reformative improvements in the road infrastructure of the country.
एनएचएआई स्थानीय विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए राजमार्ग अवसंरचना में सुधार के लिए प्रमुख तकनीकी संस्थानों के साथ सहयोग और साझेदारी करेगा
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने विश्व स्तरीय राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) नेटवर्क प्रदान करने के अपने प्रयासों के तहत सभी आईआईटी, एनआईटी और अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों से उनके संस्थागत सामाजिक उत्तरदायित्व (आईएसआर) के हिस्से के रूप में स्वैच्छिक आधार परराष्ट्रीय राजमार्ग के निकटवर्ती हिस्सों में सहयोग करने और उन्हें अपनाने के लिए संपर्क किया है। इसका उद्देश्य देश के सड़क अवसंरचना पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के प्रति छात्रों और शिक्षकों की बौद्धिक समझदारी का लाभ उठाना है। इन संस्थानों के साथ-साथ इसके संकाय और छात्रों को स्थानीय आवश्यकता, भौगोलिक स्थिति, संसाधन क्षमता इत्यादि की बेहतर समझ है और एनएचएआई इन बेहतरीन सहयोगों का उपयोग निर्माण से पहले, निर्माण के दौरान और राष्ट्रीय राजमार्ग के एक हिस्से के संचालन के विभिन्न चरणों के दौरान कर सकता है। इस विकेन्द्रीकृत दृष्टिकोण से निर्णय लेने में भागीदारी की भावना का निर्माण करने के अलावा,छात्रों को सीखने का प्रायोगिक मौका,इंटर्नशिप का विकल्प और अनुसंधान के भावी क्षेत्रों को समझने का एक अवसर भी मिलेगा। राजमार्ग के एक हिस्से को संस्थान द्वारा अपनाने से महत्वपूर्ण आंकड़ों तक पहुंचने का रास्ता खुल जाता है, जिसका उपयोग एनएच की गुणवत्ता और सुरक्षा पहलुओं में सुधार और उन्नत प्रयोगशाला तथा अनुकरण प्रणाली के संदर्भ में संस्थान की स्थानीय क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
किसी संस्थान द्वारा एनएच के एक हिस्से को अपनाने से इसके साथ हितधारकों के जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा और यातायात संचालन,भीड़-भाड़ और दुर्घटना संभावित स्थलों की तत्काल पहचान जैसी नियमित स्थानीय समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी। इससे राजमार्ग का इस्तेमाल करने वाले संस्थान और प्राधिकरण के माध्यम से स्थानीय समस्याओं को हल करने में अधिक सक्षम हो जाएंगे। ऐसे उदाहरणों से एनएचएआई को वर्तमान और भावी दोनों परियोजनाओं में स्थानीय जरूरतों को समझने, सड़कों का रख-रखाव और उन पर वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाने और उपयोगकर्ताओं को बेहतर अहसास कराने के लिए सड़क किनारे सुविधाएं विकसित करने में मदद मिलेंगी। इसका समग्र परिणाम राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों के अनुकूल और आवागमन सुखद होगा।
बड़ी संख्या में आईआईटी, एनआईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों ने इस योजना में शामिल होने का विकल्प चुना है और एनएचएआई के अधिकारियों ने इच्छुक संस्थानों के निदेशकों के साथ पारस्परिक परामर्श शुरू कर दिया है। इस योजना को संस्थागत रूप देने और देश में सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए अलग-अलग संस्थानों और एनएचएआई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू)पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।