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The big Swadeshi drive in paramilitary forces envisaged by Union Home Minister Amit Shah has gained fresh momentum with a new agreement for supply of Khadi cotton durries to the forces. In another first, Khadi and Village Industries Commission (KVIC), on Wednesday, signed a MoU with ITBP for supply of 1.72 lakh cotton durries every year. The agreement was signed by Deputy CEO KVIC and DIG, ITBP, in presence of KVIC Chairman Vinai Kumar Saxena and Additional Secretary (Home) Vivek Bhardwaj and other officials of CAPFs.
The agreement has been signed for one year which will be renewed thereafter. The total value of 1.72 lakh durries is Rs 8.74 crore.
The development comes in wake of the instructions of Union Home Minister to the paramilitary forces to encourage local products in a bid to support the “Aatmanirbhar Bharat Abhiyan” initiated by Prime Minister Narendra Modi. Union Minister for MSME, Nitin Gadkari welcomed the move.
As per the specifications, KVIC will provide blue-colour durries of 1.98 m length and 1.07 m width. The cotton durries will be produced by Khadi artisans in Uttar Pradesh, Haryana and Punjab. The next products in the pipeline are Khadi blankets, bed sheets, pillow covers, pickles, honey, papad and cosmetics, etc.
KVIC Chairman termed the development as ‘historic’ saying this would not only encourage the use of Swadeshi products in our forces but also create large scale additional employment for Khadi artisans. “Providing best quality products to our jawans and timely delivery of consignment will be the top priority of KVIC. The purchase orders from the CAPFs is also a matter of pride for Khadi artisans who are serving country’s jawans in their own ways,” Saxena said.
KVIC developed the cotton durries as per the samples provided by ITBP and the same has been approved by the agency. The cotton durries prepared by KVIC have also been certified by Northern India Textile Research Association (NITRA), a unit of the Textile Ministry recognized by the Department of Scientific and Industrial Research.
Earlier, on July 31 last year, KVIC had signed an agreement with ITBP for supplying Kacchi Ghani mustard oil which has been successfully supplied. The ITBP is the nodal agency appointed by MHA for the procurement of provisions on behalf of all paramilitary forces.
अर्द्धसैनिक बल खादी की दरियों का इस्तेमाल करेंगे
गृह मंत्री अमित शाह की अर्द्धसैनिक बलों में एक बड़ा स्वदेशी अभियान चलाने की परिकल्पना को गति देते हुए आज खादी ग्रामोद्योग आयोग और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के बीच अर्द्धसैनिक बलों को खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति करने का एक नया समझौता हुआ। खादी ग्रामोद्योग आयोग ने हर साल 1.72 लाख खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति के लिए आईटीबीपी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता पत्र पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईटीबीपी के डीआईजी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विवेक भारद्वाज तथा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
यह समझौता एक साल के लिए किया गया है जिसके बाद इसका फिर से नवीकरण किया जाएगा। 1.72 लाख दरियों की कुल कीमत 8.74 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान पहल के समर्थन के लिए गृह मंत्रालय ने अर्द्धसैनिक बलों को स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया था, उसी के संदर्भ में यह समझौता किया गया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने इस कदम का स्वागत किया।
विशिष्ट विवरण के अनुरूप खादी ग्रामोद्योग आयोग 1.98 मीटर लंबी और 1.07 मीटर चौड़ी नीले रंग की दरियों की आपूर्ति करेगा। खादी की इन दरियों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कारीगर तैयार करेंगे। खादी की दरियों के बाद, खादी के कंबल, चादरें, तकिये के कवर, अचार, शहद, पापड़ और प्रसाधन सामग्री जैसे उत्पादों पर भी काम किया जाएगा।
खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इससे न सिर्फ हमारे बलों में स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि खादी कारीगरों के लिए बड़े पैमाने पर अतिरिक्त रोजगार का सृजन भी होगा। सक्सेना ने कहा, ‘‘अपने जवानों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना और इनकी समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी उच्च प्राथमिकता होगी। केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से खरीद ऑर्डर मिलना खादी कारीगरों के लिए गर्व का विषय है जो कि देश के जवानों की अपनी तरह से सेवा कर रहे हैं।’’
खादी ग्रामोद्योग आयोग ने आटीबीपी द्वारा उपलब्ध कराए गए नमूनों के आधार पर इन कॉटन दरियों का निर्माण कराया है और इन्हें एजेंसी द्वारा मंजूरी भी दी गई है। खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा तैयार इन कॉटन दरियों को उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संगठन (एनआईटीआरए) ने भी प्रमाणित किया है। एनआईटीआरए वस्त्र मंत्रालय का एक यूनिट है और इसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग से भी मान्यता प्राप्त है।
इससे पहले, पिछले वर्ष 31 जुलाई को, खादी ग्रामोद्योग आयोग ने आईटीबीपी के साथ कच्ची घानी सरसों तेल की आपूर्ति के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था जिसका सफलतापूर्वक अनुपालन किया गया। आईटीबीपी गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त वह नोडल एजेंसी है जो देश के सभी अर्द्धसैनिक बलों की ओर से सामानों की खरीद करती है।