बायोलॉजिकल डायवर्सिटी ऐक्ट के तहत आर्थिक लाभ पाने वाले उत्तराखंड के दुधई गांव के निवासी संभवत: देश के पहले ग्रामीण बन गए हैं। ग्रामीणों ने इसके साथ ही स्वर्ण नदी में चल रहे अवैध खनन को भी समाप्त करा दिया, जो कृषि योग्य जमीनों और जंगलों को नष्ट कर रहे थे।
देहरादून के पास दुधई में बड़े पैमाने पर पत्थरों और रेत की खुदाई में शामिल भू-माफियाओं से लड़ना ग्रामीणों और वन अधिकारियों के लिए सोच से भी बाहर था, लेकिन उन्होंने बायोडायवर्सिटी ऐक्ट के प्रयोग से इसमें सफलता हासिल की। दुधई बायोडायवर्सिटी कमिटी (BMC) के चेयरमैन राजेश मल्ल ने कहा, 'हम सभी ने यह तय किया कि खनन रुकना ही चाहिए। नदी के पास स्थित जंगल नष्ट हो रहे हैं। हमारी खेती की जमीने भी नष्ट हो रही हैं। हमने रात में गश्त करना शुरू किया और ऐक्ट के अधिनियमों को लागू करने की धमकी दी, जिससे वे जेल में जा सकते हैं।'
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