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झारखंड प्रांत के एकल विद्यालय ग्राम ईदपाड़ा, संच रामगढ़, अंचल रामगढ़ के भाखुड महतो , 45 वर्षीय, ने 2011 में एकल अभियान द्वारा बताये अनुसार पोषण वाटिका लगायी। इसके फलदार पौधे में आम, अमरूद, नींबू, अनार एवं पपीता लगाया। इसकी देख-रेख भी बेहतरीन तरीके से की। एक साथ यानि वर्ष 2016 में पौधों ने फल देना शुरू कर दिया।
आम के पेड़ में एक सीजन में 1500 रु. अमरूद से 1000 रु., नींबू से 1000 रु., पपीता से दो हजार रूपये की आमदनी भी होने लगी। इसके अतिरिक्त भाखुड़ महतो आलू, वीम, टमाटर, मिर्चा और ओल आदि सब्जी की खेती करते हैं। सब्जी का उत्पादन जैविक खाद से करते हैं। इन्हें दुलमी बाजार टाँड़ में साप्ताहिक बाजार एवं दैनिक बाजार माइन्स स्टेशन, रामगढ़, में बिक्री करने जाते हैं।
इस प्रकार सब्जी की खेती एवं पोषण वाटिका से इनके पूरे परिवार का भरण पोषण होता है। इनके घर में 6 सदस्य हैं। जिनमें पति-पत्नी, दो बच्चे और दो बहुएँ हैं।
Bhakur Mahto,45, from village Idpada in the Ramgarh district of Jharkhand, took active interest in the training by Ekal in making his "nutrition garden" on his land. This was in 2011. He planted fruit trees - mango, guava, lemon, pomegranate and papaya. Within three years his hard work of maintaining these plants bore fruits.
He started earning 1500 Rs from mango, 1000 Rs each from guava and lemon and 2000 Rs from papaya - in one season. Besides this he grew vegetables which he sold in the market.
With the earnings from this "Nutrition Garden" he is able to take care of all the six members in his household.