Inviting Collaborators/ Investors

The BharatMahan.in team is looking for financial collaborators/ investors. We can also consider acquisition possibilities if the right consideration is offered. Contact us if you are interested and want to discuss further possibilities.

Uttar Pradesh ZIIE

छात्र प्रोफाइल

हमारी शिक्षा प्रणाली में परीक्षाओं के प्राप्तांकों पर छात्र-छात्राओं की सफलता-असफलता का मूल्यांकन होता है. हालांकि प्राथमिक शिक्षा में काफी सुधार हुए हैं लेकिन माध्यमिक शिक्षा पद्धति में लार्ड मैकाले का ही अनुसरण हो रहा है. ऐसे में जरूरी है कि शिक्षा छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिये हो और यदि

सामुदायिक सहभागिता

ग्रामीण परिवेश में सबसे अधिक समस्या छात्रों को विद्यालय तक ले जाने की है. अभियान चलाकर यदि छात्रों का विद्यालय में नामांकन भी करा दिया जाता है, तब भी विद्यालय में छात्रों के गैरहाजिर रहने की समस्या बनी रहती है. इसके अतिरिक्त आमतौर पर अशिक्षित या कम पढ़े-लिखे माता-पिता विद्यालय तक आने में संकोच करते

कला-शिल्प से सर्वांगीण विकास

अगर आप छात्र को रचनात्मक एवं नवाचारी बनाना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि उसमें पाठ्येत्तर विषयों के प्रति रूचि उत्पन्न की जाये. ऐकेडमिक शिक्षा जहां छात्र को ज्ञान के साथ सर्टिफिकेट और डिग्री होल्डर बनाती है, वहीं उसकी सृजनात्मक अभिरूचि उसे बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बनाती है. छात्र के सम्पूर्ण

अभिनव शिक्षण तकनीक

प्रत्येक छात्र को शिक्षित करने के उद्देश्य और शिक्षा के प्रति आकर्षण उत्पन्न करने के लिये सरकार ने अनेक सुविधाएंं उपलब्ध करायी हैं. सरकारी विद्यालयों मेंं पूर्ण रूप से निःशुल्क शिक्षा के साथ पाठ्य पुस्तकें, मध्यान्ह भोजन, छात्रवृति, शिक्षण अधिगम सामग्री उपलब्ध कराने के लिये सरकार ने अपने संपूर्ण

भविष्य सृजन

प्राथमिक विद्यालय में छात्र कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं और मिट्टी को आकार देना शिक्षक का कर्तव्य है. सत्य यही है कि शिक्षकों के सृजन से ही छात्रोंं का भविष्य सवंरता है. शिक्षकों का दायित्व है कि वह छात्र के मस्तिष्क में उसकी रूचि के अनुसार उनमें भविष्य निर्माण के बीज रोपित करें. छात्र जब प्राथमिक

दैनिक बाल अखबार

छात्रों में सृजनात्मक क्षमता को विकसित करने, उनमें अभिव्यक्ति की क्षमता का विस्तार करने, कला, संस्कृति व साहित्य के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, देश-दुनिया-राज्य-समाज की स्थितियों से साक्षात्कार कराने के लिये 'बाल अखबार' की उपादेयता निश्चित तौर पर अतुलनीय है. इस नवाचार के माध्यम से छात्रों का पठन

बाल संसद - 'मेरा विद्यालय मेरी नजर से'

छात्रों का सर्वांगीण विकास शिक्षा का लक्षय है, जिसके लिये दायित्व बोध उत्पन्न करने के साथ उनमें लोकतंत्र के प्रति निष्ठा भावना का प्रसार करना आवश्यक है. यदि छात्र सामूहिकता के महत्व को समझ जायेंगे, तो जीवन भर उनमें अहं की जगह सामुदायिक सहभागिता की भावना जागृत होगी. कदम से कदम मिलाकर चलना सीखने के

खेल-खेल में शिक्षा

स्वाभाविक रूप से बचपन खेल-कूद के लिये होता है. छात्रों की गतिविधियां उनके परिवेश और रूचि पर निर्भर करती है. यही कारण है कि किताबी ज्ञान उन्हें अरूचिकर लगता है. हर समय शिक्षक द्वारा पढ़ाये गये पाठ, होम वर्क, परीक्षा आमतौर पर छात्रों को बोझिल लगने लगती है. संभव है, ऐसे में किताबों और विद्यालय से उसे ऊब

सरल अंग्रेजी अधिगम

जापान, फ्रांस, जर्मनी और चीन जैसे अनेक ऐसे देश हैं, जहां डॉक्टर या इंजीनियर बनने के लिये अंग्रेजी जनना जरूरी नही है. पर आर्थिक वैश्विकरण के युग में अब अंग्रेजी की महत्ता हर देश में बढ़ गयी है. इसके विपरीत यह सच्चाई है कि हमारे देश में अंग्रेजी ज्ञान के बिना किसी भी महत्वपूर्ण पद के योग्य ही नही माना

चित्रकथा के माध्यम से शिक्षा

अक्सर माता-पिता इस बात से चिंतित रहते हैं कि उनके बच्चे का पढ़ाई में दिल नही लगता. शिक्षक भी इससे परेशान रहते हैं कि वह बहुत मेहनत से पढ़ाते हैं लेकिन छात्र उसे आत्मसात नही कर पाता. यह समस्या या शिकायत बहुत सामान्य है लेकिन यदि छात्रों को कठिन पाठ भी कहानी-किस्सों और चित्रों के माध्यम से पढ़ाये जायें

कॉन्सेप्ट मैपिंग

पाठ्यक्रम के बहुत से ऐसे अध्याय होते है, जो बहुत बड़े और असानी से याद नही किये जा सकते. विज्ञान जैसे विषयों में तो छात्र उसे कन्ठस्ठ भी नही कर सकते. वैसे भी शिक्षा का उद्देशय 'तोता' बनाना नही बल्कि ज्ञानी (जीनियस) बनाना है. लंबे और नीरस पाठों को आप कॉन्सेप्ट मैपिंग के द्वारा अपने मन- मस्तिष्क में

More from Bharat Mahan