States Agree for All Households in 18452 Villages to Have Electricity by May 2017

Bharat Mahan

सभी राज्‍य मई, 2017 तक 18452 गांवों के सभी घरों में बिजली मुहैया कराने पर सहमत 
देश भर में उपभोक्‍ताओं की बिजली संबंधी शिकायतें दर्ज करने के लिए चार अंकों वाला नम्‍बर ‘1921’ शुरू किया गया 
केंद्रीय विद्युत, कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सभी राज्‍यों ने अपने यहां मार्च, 2019 तक या उससे पहले सभी को चौबीस घंटे बिजली मुहैया कराने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है। यही नहीं, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्‍यों को छोड़ सभी राज्‍यों ने 31 दिसंबर, 2016 तक उन सभी बाकी गांवों में बिजली पहुंचाने का भी संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है, जहां यह अभी उपलब्‍ध नहीं है। सभी राज्‍य इस कार्य के लिए अगले 30 दिनों में ठेके दे देंगे। राज्‍यों के विद्युत मंत्रियों के सम्‍मेलन के दौरान आयोजित एक संवाददाता सम्‍मेलन में इस आशय की घोषणा करते हुए श्री गोयल ने कहा कि राज्‍यों ने 1 मई, 2017 तक एक मिशन के रूप में देश भर में फैले 18452 गांवों के सभी घरों में 100 प्रतिशत बिजली मुहैया कराने पर भी सहमति जता दी है। सम्‍मेलन में भाग लेने वाले राज्‍यों ने यह सुनिश्चित करने का भी संकल्‍प व्‍यक्‍त किया कि ‘उदय’ से जुड़े सहमति पत्र (एमओयू) में उल्लिखित परिचालनात्‍मक एवं वित्‍तीय लक्ष्‍यों का परिपालन कर दिया जाएगा। अपने एक महत्‍वपूर्ण निर्णय में सभी राज्‍यों ने अब से केवल स्‍मार्ट मीटर ही खरीदने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है, जिनमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है और जो संचार सक्षम होते हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि केंद्रीय खरीद के परिणामस्‍वरूप इन स्‍मार्ट मीटरों की लागत को 60 फीसदी घटाकर 3223 रुपये के स्‍तर पर ला दिया गया है, जबकि पहले लागत 8000 रुपये बैठती थी। यही नहीं, देश भर में 25 करोड़ उपभोक्‍ताओं के लिए भविष्‍य में केवल ऐसे ही मीटर हासिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 
मंत्री महोदय ने यह भी घोषणा की कि देश भर में उपभोक्‍ताओं की बिजली संबंधी शिकायतें दर्ज करने के लिए चार अंकों वाला नम्‍बर ‘1921’ शुरू किया गया है। दो दिवसीय बैठक के निष्‍कर्षों को साझा करते हुए उन्‍होंने कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान हुए विचार-विमर्श सफल एवं सार्थक रहे और सभी ने सहकारी एवं सहयोगात्मक तरीके से गरीबों और किसानों की सेवा में काम किया, जो हमारे लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है। श्री गोयल ने कहा कि इस बैठक से यह धारणा निराधार साबित हुई कि विभिन्‍न राजनीतिक हितों के कारण उद्देश्‍य में समानता सुनिश्चित नहीं की जा सकती। इस बैठक के दौरान पनबिजली नीति पर भी चर्चा हुई और अटकी पड़ी छोटी (25 मेगावाट या उससे कम) पनबिजली परियोजनाओं पर राज्‍यों के सहयोग से काम पुन: शुरू करने के तरीके ढूंढ़ने पर जोर दिया गया, ताकि पनबिजली क्षेत्र को नई गति प्रदान की जा सके। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए एक समिति गठित की गई है, जो 30 सितंबर 2016 तक अपनी सिफारिशें पेश कर देगी। 

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PIB Release

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