कुरुक्षेत्र, 22 दिसम्बर। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा सम्पूर्ण देश में आयोजित की जाने वाली अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में 21 लाख 47 हजार छात्रों ने प्रतिभागिता की है। हरियाणा राज्य के 100 विद्यालयों के 29 हजार 716 छात्रों ने यह परीक्षा दी। यह जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि भारतीय संस्कृति के विषय में जानकारी प्राप्त करके बाल-किशोर विद्यार्थी सद्गुणों को अपने व्यक्तित्व का अंग बनाएं, इस उद्देश्य को लेकर संस्कृति बोध परियोजना के क्रियाकलाप सम्पन्न होते हैं। इसी के अन्तर्गत संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन देश के लगभग सभी राज्यों में किया जाता है। यह परीक्षा न केवल हिन्दी अपितु अंग्रेजी, पंजाबी, असमिया, तेलगू सहित 11 भाषाओं में आयोजित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि देश का सांस्कृतिक गौरव नई पीढ़ी को हस्तान्तरित करने के महत्वपूर्ण उद्देश्य को लेकर वर्ष 1980 में चतुर्थ कक्षा से द्वादश कक्षाओं के लिए संस्कृति ज्ञान परीक्षा का शुभारंभ किया गया था। उस समय इस परीक्षा में 30 हजार छात्र सम्मिलित हुए थे। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती गई और सत्र 2018-19 में इस परीक्षा में लगभग 21 लाख 47 हजार छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए।
उन्होंने बताया कि हिन्दी भाषा में संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों की संख्या 15 लाख 91 हजार 652 रही जबकि 5 लाख 55 हजार 712 विद्यार्थी अन्य भाषाओं से सम्मिलित रहे। परीक्षा के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. रामेन्द्र सिंह ने बताया कि कक्षा 4 से 12 तक आयोजित होने वाली संस्कृति ज्ञान परीक्षा चार वर्गों (शिशु वर्ग, बाल वर्ग, किशोर वर्ग एवं तरुण वर्ग) में आयोजित की जाती है।
उन्होंने बताया कि भारत की महान आध्यात्मिक संस्कृति, श्रेष्ठ परम्पराएं, जीवन-मूल्य, महापुरुषों के आदर्श जीवन-चरित्र तथा यहां का ज्ञान-विज्ञान इस देश का ही नहीं, विश्व की अमूल्य निधि माने जाते हैं परन्तु वर्तमान भारतीय शिक्षा पद्धति द्वारा अपनी इस अप्रतिम राष्ट्रीय निधि को भावी पीढ़ी को सौंपना तो दूर रहा, उससे परिचित कराने का कार्य भी नहीं हो पा रहा है। परिणामतः स्वाभिमान-शून्यता तथा विदेशी संस्कृति के अन्धानुकरण की प्रवृत्ति छात्रों में बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इस निमित्त विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान संस्कृति ज्ञान परीक्षा सहित अनेक ऐसे प्रकल्पों से युक्त संस्कृति बोध परियोजना के माध्यम से छात्रों में भारतीय संस्कृति व जीवनादर्शों के अनुरूप शिक्षा की व्यवस्था, बालक के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक एवं नैतिक विकास को प्रस्फुटित कर रहा है।
21.47 lakh participated in Vidya Bharati's 'Sanskriti Gyan Pariksha'
Conducted in most states.
Conducted in Hindi, English, Punjabi, Assamese, Telegu and six other languages.
15.91 lakh participated in Hindi and 5.56 in other languages.
Started in 1980 when some 30,000 had participated.