Chandrayaan-2 To Land On The Moon’s Surface On Sept 06, 2019

In a press meet, at ISRO Headquarters, Bengaluru on the occasion of the forthcoming launch of India’s Chandrayaan-2 mission to Moon. Dr K Sivan, Chairman, ISRO addressed and interacted with regional, national and international media persons during the meet.

Dr Sivan outlined ISRO’s vision on space science and interplanetary missions.

Understanding the secrets of the inner solar system is an aspiration of both national and international scientific community. Specifically talking about Chandrayaan-2, he announced “The launch of Chandrayaan-2 onboard GSLV MkIII-M1 is planned on July 15, 2019 at 02.51 Hrs from Sriharikota”. Further, he said the soft landing of the Vikram lander of Chandrayaan-2 on the Moon’s surface is likely to be on September 06, 2019. The briefing included the scientific objectives, challenges and benefits of the mission.

The Chairman also provided details on the orbiter, lander and rover as well as the challenging tasks of navigating to the Moon and inserting the spacecraft into lunar orbit. Dr Sivan then specially mentioned about the highly demanding task of soft landing on the lunar surface and termed it as “15 terrifying minutes”

Earlier during the day, the media persons had an opportunity to view Chandrayaan-2 orbiter and lander at ISRO Satellite Integration and Test Establishment (ISITE), Bengaluru.

The briefing by Chairman, ISRO was followed by an extensive interactive session with the media.

इसरो के अध्यक्ष डॉ. के सिवन ने बेंगलुरु में मीडिया को चंद्रयान मिशन की जानकारी दी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अध्‍यक्ष डॉ के सिवन ने चंद्रमा के लिए भारत के आगामी चंद्रयान-2 अभियान के बारे में बेंगलुरु में मीडिया को जानकारी दी। इसरो के मुख्‍यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कर्मी मौजूद थे। 

डॉ.सिवन ने इस मौके पर अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरग्रही अभियानों के बारे में इसरो की भावी रणनीतियों का खाका पेश किया। उन्‍होंने कहा कि आंतरिक सौरमंडल के रहस्यों के बारे में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय काफी कुछ जानने का इच्‍छुक है। उन्‍होंने इस मौके विशेष रूप से चंद्रयान-2 अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रयान-2  को जीएसएलवी एमकेIII-एम1के प्रक्षेपण यान के जरिए 15 जुलाई, 2019 को तड़के 02.51 मिनट पर श्रीहरिकोटा प्रेक्षपित किया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान -2 का विक्रम लैंडर के 06 सितंबर, 2019 को चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है। उन्होंने मीडिया को चंद्रयान अभियान के वैज्ञानिक उद्देश्यों, चुनौतियों  और लाभों की भी जानकारी दी।  

इसरों के अध्‍यक्ष ने चंद्रमा की परिक्रमा करने और अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने के चुनौतीपूर्ण कार्यों के साथ-साथ ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के बारे में भी विस्‍तार से बताया। डॉ. सिवन ने इस अवसर पर विशेष रूप से चंद्रमा की सतह पर लैंडर को सही तरीके से उतारे जाने वाले चुनौतीपूर्ण कार्य का उल्लेख किया। उन्‍होंने कहा कि ये आखिरी के 15 मिनट बेहद कठिन होंगे।

इससे पहले दिन में मीडिया कर्मियों को  चंद्रयान-2 ऑर्बिटर और लैंडर को इसरो के बेंगलूरू स्थित सैटेलाइट इंटीग्रेशन एंड टेस्ट इस्टैब्लिशमेंट केंद्र में देखने का अवसर मिला।

इसरो के अध्‍यक्ष ने मीडिया कर्मियों को चंद्रयान-2 की जानकारी देने के बाद उनके कई सवालों के जवाब भी दिए।

 

News Source
PIB Release

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