मैं दौलत महतो हूँ। मेरे ऊपर अंचल आरोग्य योजना प्रमुख रामगढ़ अंचल राँची भाग झारखंड का दायित्व है। झारखंड में 2013 में गांव बरियातु से आरोग्य योजना में एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। रामगढ़ अंचल का गोला संच प्रगत संच है। इसे हमने एनीमिया नियंत्रण के लिये चुना। सबसे पहले इस संच में 2 वर्ष से 9 वर्ष के बच्चों एवं 10 वर्ष से 45 वर्ष की माताओं एवं बहनों का सर्वे किया गया और सभी को रजिस्टर में सूचीबद्ध किया गया। सभी माताओं एवं बहनों का भ्ठ टेस्ट किया गया। हमें इसका प्रशिक्षण आरोग्य योजना के नेपुण्य वर्ग में मिला था। गोला संच में 30 विद्यालय गांव है। लगभग सभी गांवों की महिलाओं का HB काफी कम था। औसत 38 प्रतिशत महिलायें विशेषकर गर्भवती माताएं एनीमिक मिली। एनीमिक माताओं को रक्त बढ़ने हेतु आयरन फोलिक एसिड की गोली 100 दिन तक एवं कीड़ा मारने की दवा एलबेन्डाजोल की दवा एक बार दी गयी। परन्तु इस सर्वे और टेस्ट के दौरान एक खास बात गांव में देखने को मिली। ग्रामोत्थान योजना के तहत किसानों को गांवों में पोषण वाटिका सब्जी खेती, फलदार पौधा लगाने एवं जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण एवं उसके लिए बीज पौधे एवं जैविक बेड लगाने के लिए केंचुआ भी दिए जाते हैं। पोषण वाटिका के कारण गांव की महिलाओं में सब्जी एवं फल खाने की आदत बनी। हमलोगों ने गांव में घर-घर के दीवार पर नारा लिखवा दिया है।
पोषण वाटिका है जहाँ - एनीमिया दूर भागे वहाँ।
एक अमरूद रोज खायें - एनीमिया को दूर भगावें।
और अब नारा इतना पोपुलर हो गया है कि हमलोगों को देखते ही गाँव के बच्चे स्वयं ही नारा लगाते हैं। एक अमरूद रोज खायें, एनीमिया को दूर भगायें।
गोविन्दपुर गांव में 120 महिलाओं का HB टेस्ट किया गया और सेमरा हरिजन टोला में 100 महिलाओं में HB टेस्ट किया गया। दोनों गांवों के टेस्ट के परिणाम को देखकर आश्चर्य हुआ कि इतना अन्तर दोनों गांवों में क्यों है? तब पता चला कि जहाँ जिन 25 घरों में पोषण वाटिकायें हैं, वहां की महिलाओं का HB 10 प्रतिशत से अधिक है। और जिन घरों में पोषण वाटिका नहीं है, वहां की महिलाओं का HB 10 प्रतिशत से कम है। अन्य गांवों का आंकड़ा लिया गया तो उनके परिणाम भी इसी प्रकार के मिले।
रामगढ़ अंचल के अब सभी गांवों में पोषण वाटिकायें लग गयी हैं। सभी सीजन के फल एवं सब्जी सबके घर में है। पालक एवं लाल साग अब हरेक घर में उगने लगा है। भोजन में सब्जी, साग, सलाद, चटनी अब सब लोग प्रयोग करने लगे हैं।
Ekal Helps in Controlling Anaemia in Jharkhand Villages
News Source
Ekal Parinam Prasang
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