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In Jharkhand 'Tablet Didi' Bringing Digital Revolution

Bharat Mahan

झारखंड की टैबलेट दीदी
मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को जमीन पर उतार रही

झारखंड के सुदूर गांवों में अब जनजातीय महिलाओं की पहचान खेतों में रोपणी और मजदूरी तक सीमित नहीं रह गयी है। गांवों की महिलाएं अब टैबलेट दीदी के नाम से जानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को झारखंड के गांवों में जमीन पर उतारा जा रहा है और इस कार्यक्रम ने महिलाओं को हाईटेक कर दिया गया है। झारखंड की महिलाएं गोद में बच्चे और हाथ में टेबलेट लिये देखी जा सकती है। सुदूर गांवों की महिलाएं अपने घर परिवार बच्चों का ध्यान रखने के साथ साथ घर चलाने के लिए मेहनत कर रही है। हाथों में टेबलेट लेकर गांवों की गलियों में अब इनकी पहचान टेबलेट दीदी के नाम से है।

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के द्वारा रांची, पाकुड़ और पश्चिम सिंघभूम जिले में इस पहल को क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके तहत गांव की महिलाओं को टेबलेट प्रक्षिशण उपलव्ध कराकर बुक कीपिंग के गुर सिखाये जा रहे हंै। टेबलेट दीदी की रूप में चुनी गयी महिलाएं अब स्वयं सहायता समूह में बुक कीपिंग के अलावा टेबलेट के जरिये गांव की महिलाओं को भी जागरूक कर रही है।

टेबलेट दीदी के माध्यम से समूह का लेखा- जोखा पहले से अच्छा हो गया है। साथ ही ये और भी महिलाओं को आजीविका की अलग -अलग साधनों के बारे में भी सहायता कराती है। इस सफलता को देखते हुए आने वाले दिनों में टेबलेट दीदी के माध्यम से समूह उत्पादों की व्रिक्री की योजना को धरातल पर उतरने में लगे हंै। गांव की टेबलेट दीदी अपने गांव को डिजिटल गांव बनाने के लिये प्रयासरत है, वही झारखंड सरकार के प्रस्तावित मोबाइल गवर्नेंस की विभिन्न सेवाओं से जोड़ने का प्रस्ताव भी है ताकि गांव के स्तर पर इन सेवाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल सके। टेबलेट दीदी से बात करने पर वह कहती है कि शुरू में तो लगा कि मैं कभी मोबाइल तक छुई नहीं, कैसे यह सब कर पाऊगी। लेकिन कुछ दिनों की प्रशिक्षण और मेहनत के बल पर आज मैं डाटा अपलोड, फोटो खींचने के साथ साथ अपने गांव के समूहों का आंकड़ा भी दर्ज करती हूं। ये महिलायेंं आज टेबलेट दीदी के रूप में प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपनों ंको पंख लगाकर धरातल पर उतारने में दिन-रात मेहनत कर रही है। भारत गांवों में बसता है और गांव समूह से बनता है, समूह डिजिटल होगा तो गांव डिजिटल और फिर इंडिया।

News Source
Ranchi Express

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