Value Education

परोपकार BENEVOLENCE

परोपकार जीवन नहीं, जीवन के बाद भी जीवंत रहता है। हमारे पुराणों में परोपकार के लिए कई उपदेश लिखे हैं। नदी अपना जल नहीं उपयोग करती। वृक्ष अपना फल नहीं खाता। परोपकार के यह सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।

 मनुष्य अकेला जीवन नहीं जी सकता। मानवता के उद्धार के लिए परोपकार आवश्यक है। इससे स्वयं के साथ-साथ समाज का

स्वच्छता CLEANLINESS

 स्वच्छता का जीवन में सर्वाधिक महत्व है। इसे स्वयं भी अपनाना चाहिए और आस-पास के परिवेश को भी स्वच्छ रखना चाहिए। स्वच्छता से रोग जन्म नहीं लेते। बच्चों को विशेषकर स्वच्छतासिखानी चाहिए। सबसे पहले अपने घर को स्वच्छ और सुंदर बनाएं, फिर अपने घर के आस-पास को। इस प्रक्रिया से अन्य सभी स्थानों पर भी धीरे

सच्ची लगन EARNESTLY

सच्ची लगन सफलता का मूल मंत्र है। कोई भी कार्य सच्ची लगन के बिना पूर्ण नहीं हो सकते। डॉ. भीमराव अंबेडकर एवं डॉ. ए.पी.जे. कलाम जैसे महापुरुष इसके सशक्त उदाहरण हैं। डॉ. भीमराव ने विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा ग्रहण की।अभाव पूर्ण जीवन में शिक्षा आरंभ की किन्तु बाद में उच्च शिक्षा के स्वामी बनें।

भार

सच का महत्व IMPORTANCE OF TRUTH

सच का महत्व शब्दों से नहीं जाना जा सकता, इसे अपने जीवन, व्यवहार में अपनाकर समझा जासकता है। सत्य वह शक्ति है, जो हमें निर्भीक बनाती है। नैतिक-मूल्यों को समझकर, सद्‍भावना और अनुशासन के साथ सत्य को अपनाया जा सकता है।

सत्यता का महत्व और परिणाम तब ही समझ सकते हैं, जब इसे दैनिक जीवन में उपयोग मेंलाएंगे

नजरिया PERCEPTION

 नजरिया का अर्थ है - दृष्टिकोण। जीवन के विषयों को समझने का हर किसी का दृष्टिकोण अलग-अलग होता है। हमारे सामने कोई कार्य है उसे पूर्ण करना है, तो वह तब सफल होगा जब सकारात्मक नज़रिया है। नकारात्मकता असफलता का जन्म लेती है।

किसी पात्र को जल से आधा भरे और किसी से पूछे, हर किसी का दृष्टिकोण या नजरिया

आशा HOPE

जहाँ जीवन है, वहाँ आस है । भविष्य में क्या घटित होने वाला है, यह अनुमान किसी को नहीं होता।यह कहना गलत न होगा कि उम्मीद पर दुनिया कायम है।आशा ऐसा भाव है, जो कि मनुष्य को हमेशाकार्य करने के लिए प्रेरित करता है। आस कभी निराश नहीं होने देती।

भविष्य सुनिश्चित नहीं होता, किन्तु उज्जवल भविष्य की कल्पना

जिज्ञासा CURIOSITY

जिज्ञासा मनुष्य की विशेषता है। मनुष्य सदा कुछ कार्य करने के लिए प्रयत्नशील रहता है। जिस तरह समय बदलता है उसी तरह मनुष्य की मनोवृत्ति बदलती है और नये-नये कार्य करना चाहता है।

किसी भी नये कार्य के लिए मन में नये विचार आवश्यक है, नये विचार के लिए मन में जिज्ञासा की आवश्यकता है। किसी भी वस्तु को

आस्था BELIEF

आस्था, विश्वास एक-दूसरे के पूरक हैं I विश्वास वह भावना है जो कि मन से जुड़ा होता है। वह लाभ-हानि से दूर हो। यदि किसी पर विश्वास है तो है। वह परिवर्तित नहीं होता। आस्था अलौकिक या लौकिक दोनों पर होती है।

किसी विषय, विशेष से प्रभावित होकर आस्था जन्म लेती है I ईश्वर, मान्यता, भक्ति इन सबका संबंध

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