Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana Reaches 1 Cr Beneficiaries

Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana (PMMVY), a flagship scheme of the Government for pregnant women and lactating mothers has achieved a significant milestone by crossing one crore beneficiaries. The total amount disbursed to the beneficiaries under the scheme has crossed Rs. 4,000 crores.

PMMVY is a direct benefit transfer (DBT) scheme under which cash benefits are provided to pregnant women in their bank account directly to meet enhanced nutritional needs and partially compensate for wage loss. Implementation of the scheme started with effect from 01.01.2017. Under the ‘Scheme’, pregnant women and lactating Mmthers (PW&LM) receive a cash benefit of Rs. 5,000 in three installments on fulfilling the respective conditionality, viz. early registration of pregnancy, ante-natal check-up and registration of the birth of the child and completion of first cycle of vaccination for the first living child of the family. The eligible beneficiaries also receive cash incentive under Janani Suraksha Yojana (JSY). Thus, on an average, a woman gets Rs. 6,000.

Madhya Pradesh, Andhra Pradesh, Himachal Pradesh, Dadra & Nagar Haveli and Rajasthan are the top five States/UT in the country in implementation of PMMVY. Odisha and Telangana are yet to start implementation of the scheme. The Women and Child Development Ministry has recently organized regional workshops with state officials in Guwahati, Jaipur, and Chandigarh to prepare roadmap for faster implementation of the scheme.

Implementation of the scheme is closely monitored by the central and state governments through PMMVY-CAS, a web based software application. The application is interoperable with UIDAI and Public Financial Management System (PFMS) for authentication of unique beneficiaries and their Bank Accounts. The Scheme is 100 percent Local Government Directory (LGD) compliant with a uniform master data of all villages/towns/cities throughout the Country on one platform, i.e. PMMVY-CAS. These features have helped in quick implementation of the scheme and eliminating duplication of benefits.

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक करोड़ लाभार्थियों तक पहुंची

गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं के लिए सरकार की अग्रणी योजना-प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई)-एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों तक पहुंच गई है। योजना के अन्‍तर्गत कुल 4,000 करोड़ से अधिक राशि लाभार्थियों को वितरित की गई है।

पीएमवीवाई प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण(डीबीटी) योजना है, जिसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को नकद लाभ सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाता है ताकि वे पौष्‍टिकता आवश्‍यकताओं को बढ़ा सकें और मजदूरी नुकसान की आंशिक भरपाई कर सकें। यह योजना 01-01-2017 से लागू की गई है। योजना के अंतर्गत उन गर्भवती महिलाओं और स्‍तनपान कराने वाली माताओं को तीन किस्‍तों में पांच हजार रुपए का नकद लाभ प्राप्‍त होता है, जिन्‍होंने प्रसव का प्रारंभिक पंजीकरण कराया है, प्रसुति जांच कराई है, बच्‍चे के जन्‍म का पंजीकरण कराया है और परिवार के पहले बच्‍चे के लिए टीकाकरण का पहला चक्र पूरा किया है। पात्र लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना(जेएसवाई) के अन्‍तर्गत नकद प्रोत्‍साहन भी दिया जाता है। इस तरह औसत रूप में एक महिला को 6,000 रुपए मिलते हैं।

पीएमवीवाई लागू करने में देश के पांच शीर्ष राज्‍यों/केन्‍द्रशासित प्रदेशों में मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दादरा और नगर हवेली तथा राजस्‍थान हैं। ओडि़शा और तेलंगाना को अब यह योजना लागू करनी है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने हाल में राज्‍य के अधिकारियों के साथ क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन गुवाहाटी, जयपुर तथा चंडीगढ़ में किया है ताकि योजना को तेज गति से लागू किया जा सके।

योजना क्रियान्‍वयन की सघन निगरानी वेब आधारित सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन पीएमएमवीवाई-सीएएस के माध्‍यम से केन्‍द्र और राज्‍य सरकारों द्वारा की जाती है। विशिष्‍ट लाभार्थियों और उनके बैंक खातों के सत्‍यापन के लिए आवेदन का अंतरसंचालन यूआईडीएआई और सार्वजनिक वित्‍तीय प्रबंधन प्रणाली(पीएफएमएस) से किया जाता है। यह योजना 100 प्रतिशत स्‍थानीय सरकार निर्देशिका(एलजीडी) परिपालन योजना है और एक प्‍लेटफार्म- पीएमएमवीवाई-सीएएस पर सभी गांवों/शहरों/नगरों का एकसमान मास्‍टर डाटा होता है। इन विशेषताओं से योजना को त्‍वरित रूप में लागू करने में मदद मिली है और लाभों का दोहरीकरण समाप्‍त हुआ है।

News Source
PIB Release

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