Workers Taking Advantage of Govt Welfare Schemes in Rajasthan

मजदूरों के लिए लाभदायक साबित हो रही है श्रम कल्याण की  जन कल्याणकारी योजनाएं
राजस्थान में राज्य सरकार द्वारा श्रम कल्याण विभाग के माध्यम से गरीबों एवं मजदूरों की सहायता के लिए संचालित की जा रही लगभग एक दर्जन  जनकल्याणकारी योजनाएं  श्रमिकों के लिए वरदान साबित हो रही है। विवाह सहायता योजना के स्वरूप में परिवर्तन कर अब शुभ शक्ति योजना, सिलिकोसिस पीडितों को सहायता, शिक्षा सहायता सहित अन्य योजनाओं में लाभ अर्जित कर कई परिवार अपना जीवन यापन कर रहे हैं। दौसा जिले की तहसील महवा के ग्राम सरावली निवासी श्रीमती बर्फी देवी मीना पत्नी शिवचरण मीना को श्रम विभाग द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना से लाभान्वित किया गया। बर्फी देवी ने बताया कि उसके पति शिवचरण मीना की 5-6 वर्ष पूर्व ट्रेक्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी। पति के देहांत के बाद उसकी दो पुत्रियों सुनिता एवं कलावती एवं एक पुत्र बलराम की समस्त जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई। पति की मृत्यु के बाद बर्फी देवी बेलदारी का कार्य करके अपने जीवन का निर्वाह एवं बच्चों का पालन-पोषण करने लगी। इसी दौरान उसके ग्राम के व्यक्तियों ने भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्ड़ल के तहत पंजीयन कराने की जानकारी दी। उसने मण्ड़ल में हिताधिकारी के रूप में अपना पंजीयन करवाया। पुत्रियाें की विवाह योग्य आयु होने पर उसने अपनी पुत्रियों का रिश्ता तय किया तथा मण्ड़ल में विवाह सहायता योजना के तहत आवेदन प्रस्तुत किया। विवाह सहायता योजना के तहत 51-51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिली, उससे पुत्रियों के विवाह में लिया गया कर्ज चुकता किया। राज्य सरकार से मिली सहायता से वह अपनी पुत्रियों का आसानी से विवाह कर पाई। पुत्र बलराम मीना का भी विवाह कर खुशहाल परिवार के साथ वह अपना जीवन यापन कर रही है। अब बर्फी देवी ग्रामीणों को सलाह देती है कि महानरेगा में कार्य करने वाले गरीब पुरूष एवं महिलाएं अपने जॉब कार्ड के माध्यम से 90 दिवस कार्य करने के बाद श्रम विभाग में अपना पंजीयन करवा कर इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकते है। निर्माण श्रमिकों का हिताधिकारी के रूप में पंजीयन करने के लिए श्रम विभाग के  अधिकारी तथा श्रम निरीक्षकों को अधिकृत किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले  निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए विकास अधिकारियों (बीडीओ) को अधिकृत किया गया है। इसी प्रकार इंजीनियरिंग विभागों में कार्यरत निर्माण श्रमिकों के पंजीयन के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंताओं को अधिकृत किया गया है। योजनाओं का लाभ लेने के लिए हिताधिकारी के रूप में  पंजीयन कराना बहुत सरल है जो निर्माण श्रमिक पंजीयन कराना चाहते हैं, वे निर्धारित आवेदन पत्र भरकर विभागीय पोर्टल एलडीएमएस के माध्यम से ऑन लाईन  पंजीयन अधिकारी  को प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन के साथ आयु प्रमाण पत्र जो  किसी स्कूल  के रिकार्ड  से जारी किया गया हो  अथवा जन्म - मृत्यु पंजीयक के  रिकार्ड  से जारी किया गया हो प्रस्तुत करना होगा। प्रमाण पत्र  नहीं होने की स्थिति में किसी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर द्वारा जारी प्रमाण पत्र अथवा मतदाता पहचान पत्र, आधार, ड्राईविंग लाईसेंस, राशन कार्ड,  निर्माण श्रमिक होने का नियोजक या ठेकेदार का प्रमाण पत्र तथा ऎसा प्रमाण उपलब्ध नहीं होने पर पंजीकृत निर्माण श्रमिक  संघ द्वारा या संबंधित क्षेत्र के श्रम निरीक्षक द्वारा, या पंचायत के कार्यकारी  अधिकारी (ग्राम सचिव ) द्वारा दिये गये प्रमाण पत्र के साथ तीन पासपोर्ट साईज की रंगीन फोटो के साथ आवेदन कर सकता है।

News Source
DIPR Rajasthan

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