परोपकार जीवन नहीं, जीवन के बाद भी जीवंत रहता है। हमारे पुराणों में परोपकार के लिए कई उपदेश लिखे हैं। नदी अपना जल नहीं उपयोग करती। वृक्ष अपना फल नहीं खाता। परोपकार के यह सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
मनुष्य अकेला जीवन नहीं जी सकता। मानवता के उद्धार के लिए परोपकार आवश्यक है। इससे स्वयं के साथ-साथ समाज का